भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के प्राविधानों के अन्तर्गत पंजीकृत पात्र कामगारों
तथा मनरेगा में नियोजित निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाएं।
1- 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके कामगारों को 1,000 प्रति माह की दरसे पेंशन तथा 65 वर्ष की आयु होने पर
1,500 प्रति माह की पेंशन दी जाएगी। पेंशनभोगी की मृत्यु की दशा में पारिवारिक पेंशन उत्तरजीवी पति या पत्नी को
500 प्रति माह। (पेंशन छः माही आधार पर प्रदान की जाएगी। निर्माण श्रमिक द्वारा प्रत्येक 06 माह में स्वयं के
जीवित होने संबंधी प्रमाण–पत्र जो राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित हो प्रस्तृत किया जाना अनिवार्य होगा।)
2- कामगारों को मकान की खरीद ⁄ निर्माण हेतु 50,000 तक अग्रिम ऋण राशि की सुविधा बोर्ड द्वारा विनर्नदिष्ट
शर्तों के अधीन। भवन क्रय ⁄ निर्माण हेतु अग्रिम ऋण प्राप्त करने के लिए कर्मकार को पांच वर्षों से निधि का सदस्य
होना तथा अधिवर्षता आयु से कम से कम 15 वर्ष का समय शेष होना आवश्यक है। इस ऋण पर कम से कम 5%
वार्षिक दरसे ब्याज भी देय है।
3- लकवा, कुष्ठरोग अथवा दुर्घटना आदि के कारण स्थायी रूपसे निःशक्तता पर 1,000 प्रतिमाह की दर से निःशक्तता
पेंशन तथा 40,000 तक की अनुग्रह राशि। (उक्त आर्थिक सहायता प्राप्त किये जाने हेतु निर्माण श्रमिकों द्वारा
स्थाई रूप से निशक्त होने संबंधी प्रमाण–पत्र जो राजकीय CMO/CMS द्वारा प्रदत्त किया गया हो से 02 माह के भीतर सचिव
कल्याण बोर्ड के कार्यालय में श्रम प्रवर्तन अधिकारी ⁄ पंजीकरण अधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।)
4- नियोजन (कार्य के दौरान) दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5,00,000 तथा सामान्य मृत्यु होने की दशा में मृतक कर्मकार के
नामितों ⁄ आश्रितों को 2,00,000 की आर्थिक सहायता। (उक्त लाभ हेतु निर्माण श्रमिक के आश्रित ⁄ नामिती
द्वारा मृत्यु की तारीख से 02 माह के भीतर सचिव कल्याण बोर्ड के कार्याल्य में श्रम प्रवर्तन अधिकारी ⁄ पंजीकरण अधिकारी
के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।)
5- अन्त्येष्टि संस्कार के खर्च के लिए मृतक कर्मकार के नामितों ⁄ आश्रितों को 10,000 की सहायता, बोर्ड द्वारा विर्निदिष्ट
शर्तों के अधीन। (उक्त लाभ हेतु निर्माण श्रमिक के आश्रित ⁄ नामिती द्वारा मृत्यु की तारीख से 02 माह के भीतर
सचिव कल्याण बोर्ड के कार्याल्य में श्रम प्रवर्तन अधिकारी ⁄ पंजीकरण अधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।)
6- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत चिकित्सा सहायता तथा योजना के अन्तर्गत देय प्रीमियम का भुगतान बोर्ड की
निधि से किया जाएगा।
7- कामगार के बच्चों के लिए शिक्षा हेतु आर्थिक सहायताः–
क्रमांक |
पाठ्यक्रम का विवरण |
देय आर्थिक सहायता |
क. |
कक्षा–1 से कक्षा–5 तक |
200 प्रतिमाह। |
ख. |
कक्षा–6 से कक्षा–8 तक |
300 प्रतिमाह। |
ग. |
कक्षा–9 से कक्षा–10 तक |
400 प्रतिमाह। |
घ. |
कक्षा–11 से कक्षा–12 तथा I.T.I. |
500 प्रतिमाह। |
ड़. |
स्नातक ⁄ परास्नातक अथवा उसके समकक्ष उपाधि |
800 प्रतिमाह। |
च. |
पालीटैक्निक हेतु |
1,000 प्रतिमाह। |
छ. |
उच्च शिक्षा हेतु (उच्च व्यावसायिक शिक्षा) |
2,500 प्रतिमाह। |
शिक्षा हेतु देय आर्थिक सहायता निम्नांकित शर्तों के अधीन देय हैः–
- पंजीकृत पात्र निर्माण श्रमिक द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता संबंधी आवेदन–पत्र, जो वर्तमान
शिक्षा सत्र से संबंधित हो तथा संबंधित शिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य ⁄ विभागाध्यक्ष द्वारा सत्यापित हो, उस वित्तीय
वर्ष में माह नवम्बर से अगले शिक्षा सत्र (अगला वित्तीय वर्ष) के माह जून तक संबंधित क्षेत्र के पंजीकरण अधिकारी
की संस्तुति सहित सचिव, कल्याण बोर्ड के कार्यालय में उपलब्ध करा दिए जाए, इसके पश्चात प्राप्त होने वाले
आवेदनों पर बोर्ड द्वारा विचार नहीं किया जाएगा।
- उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा–शर्तों का विनियम) नियमावली के नियम–281
के अनुसार शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता छः माही आधार पर दिये जाने का प्राविधान है। उक्त बिन्दु संख्या–1 के प्रभावी
होने की स्थित में देय आर्थिक सहायता की धनराशि सम्पूर्ण शैक्षणिक सत्र हेतु पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पात्रता के
अनुसार एक बार में ही उपलब्ध करा दी जाएगी।